kalashtami vrat tomorrow: भगवान शिव को करें प्रसन्न, दूर होंगे सभी शत्रु
- By Habib --
- Tuesday, 15 Nov, 2022
kalashtami vrat tomorrow
हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत (kalashtami vrat ) रखा जाता है। कालाष्टमी व्रत के दौरान भगवान शिव के रौद्र एवं तंत्र अवतार भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है। इस साल मार्गशीर्ष माह में काल भैरव जयंती 16 नवंबर, दिन बुधवार को मनाई जाएगी। जानकारी के आधार पर, जहां एक ओर अष्टमी तिथि का शुभारंभ 16 नवंबर (November 16) को सुबह 5 बजकर 49 मिनट पर होगा तो वहीं, इसका समापन 17 नवंबर की सुबह 7 बजकर 57 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, कालाष्टमी का व्रत नवंबर महीने की 16 तारीख को ही रखा जाएगा।
बता दें कि कालाष्टमी को काल भैरव जयंती और भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में वर्णित जानकारी के अनुसार, भगवान काल भैरव न सिर्फ देवादि देव महादेव के रुद्र अवतार हैं अपितु इन्हें तंत्र साधना का इष्ट भी माना जाता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति कालाष्टमी के दिन पूर्ण श्रद्धा से भगवान काल भैरव को स्मरण करते हुए कुछ विशेष उपाय करता है उसके जीवन से भय, संताप और संघर्ष की काली छाया मिट जाती है।
मार्गशीर्ष कालाष्टमी (Margshirsha Kalashtami) का महत्व
मार्गशीर्ष माह की कालाष्टमी का अत्यधिक महत्व माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से व्यक्तित्व में निर्भीकता आती है। व्यक्ति को भय से मुक्ति मिलती है। भगवान काल भैरव की पूजा से नकारात्मकता भी नष्ट हो जाती है और ऊपरी बाधाओं से भी छुटकारा मिलता है। काल भैरव की पूजा व्यक्ति को अपार बल का स्वामी बनाती है। विचित्र बात यह है कि काल भैरव भगवान की पूजा से वैवाहिक जीवन की समस्याएं भी धीरे धीरे सुलटी चली जाती हैं।
मार्गशीर्ष कालाष्टमी का उपाय
अगर आपकी कोई विशेष कामना है जिसे आप पूरा करना चाहते हैं तो भगवान काल भैरव के समक्ष सरसों के तेल का दीप प्रज्वलित करें और उनके सामने अपनी मनोकामना व्यक्त करें। कालाष्टमी से शुरू करके इस नियम का पालन तब तक करें जब तक आपकी इच्छा पूरी नहीं हो जाती।
भय दूर करने के लिए
अगर आपको बात बात पर डर लगता है और मन में घबराहट जगह लेने लगती है तो कालाष्टमी के दिन ‘ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं’ मंत्र का जाप करें। इससे आपका भय धीरे धीरे ऊम होने लग जाएगा और काल भैरव भगवान से आपको निर्भीकता का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
आर्थिक समस्याओं के निवारण के लिए
पैसों की तंगी, ज्यादा खर्च और कंगाली से आप परेशान हो गए हैं और अब इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव को स्मरण करते हुए शमी का पौधा लगाएं और इसकी पूरे मन से सेवा व पूजा करें। ऐसा करने से भगवान काल भैरव के साथ साथ शनि देव की भी कृपा प्राप्त होगी और पैसों से जुड़ी हर परेशानी से निजात मिल जाएगी।
वैवाहिक जीवन के लिए
वैवाहिक जीवन (वैवाहिक जीवन के लिए वास्तु टिप्स) को उत्तम बनाने के लिए नियमित रूप से दंपत्ति भगवान काल भैरव का स्मरण करते हुए ‘श्री कालभैरवाष्टकम’ का पाठ करें।
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